Shri Rath Samiti
A Lifefull event
with full of life


About
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A journey to create a live event happening
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रजत रथ
“श्री श्री श्री 1008 अनन्त श्री जगन्नाथराय जी के धाम पुरी (उड़ीसा) में निकलने वाली श्री जगन्नाथराय जी की परम्परागत रथ यात्रा का नजारा प्रथम बार 12 जुलाई 2002 आषाढ़ द्वितीय को झीलों की नगरी के श्रद्धालुओ ने अपने शहर उदयपुर में देखा । रजत रथ निर्माण में लगभग 50 किलोग्राम चांदी व सागवान की लकड़ी का प्रयोग किया गया है ।
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रथयात्रा हेतु तैयार किया गया रथ सोलह फीट लम्बा, अठारह फीट ऊंचा, आठ फीट चौड़ा है और इसका कुल वजन 800 किलोग्राम है ।गया। रजत रथ में विराजित भगवान जगन्नाथराय जी की मूर्ति देखने में चमकदार काले पत्थर की दिखलायी पड़ती है जो कि वास्तविकता में मूर्ति सागवान लकड़ी की है तथा उस पर उतनी ही सावधानी से काला पेन्ट्स किया गया है कि जिससे वो ग्रेनाईट मार्बल की नजर आती है ।
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श्री रथ समिति, उदयपुर लगभग 20 वर्षो से जगदीश मन्दिर में आयोजित होने वालें सभी धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन एवम् उसके लिये व्यवस्था का कार्य करती आ रही है। समिति के सदस्य प्रतिदिन मन्दिर परिसर में सफाई कार्य, बिजली व पानी की उपलब्धता निर्बाध व निरन्तर बनाये रखने में सहयोग दे रहीं है । श्रृद्वालुओं की भावनाओं को सर्वोपरी रखते हुए श्री रथ समिति ने जन सहयोग से रजत रथ का निर्माण कार्य 2 वर्षो की अल्पावधि में पूर्ण करवाकर इस रथयात्रा को भव्यता प्रदान की ।
Activities
श्री रथ समिति के उद्देश्य
श्री रथ समिति के प्रमुख कार्य
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सहयोग
श्री रथ समिति के धार्मिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत मकर संक्राति पर्व पर गरीब, असहाय, श्रद्वालुओं, अन्ध विद्यालय, मूक-बधिर विद्यालयों में भोजन, वस्त्र व पाठ्य पुस्तकों का वितरण करना।
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रथ रख रखाव
रथ यात्रा पर्व पर रथ समिति द्वारा रथ की साफ-सफाई, रंग-रोगन, रथ की मरम्मत कराना तथा रथ यात्रा को अनुशासित रूप से संचालित करना तथा रथयात्रा समाप्ति पश्चात धार्मिक यात्रा का आयोजन करना।
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उत्सव
शरद महोत्सव पर 501 किलोग्राम दूध की खीर का भोग धर प्रसाद वितरण कराना। रामनवमी पर्व पर राम जन्मोत्सव धार्मिक कार्यक्रम आतिशबाजी सहित आयोजित कराना। निर्जला एकादशी पर्व पर दर्शनार्थियों को मन्दिर में व्यवस्थित रूप से दर्शनार्थ कार्य सम्पन्न कराना।जलझूलनी एकादशी पर रेवाड़ी का आयोजन करना
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सेवा
श्रावण मास में झूले व झांकियों का आयोजन कराना साथ ही पुरूषोतम माह में विभिन्न कथाओं जैसे नानी बाई का मायरा, भागवत कथाओं का साप्ताहिक आयोजन कराना।
रथ निर्माण के स्तंभ
रथ निर्माण के स्तंभ
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प्रथम प्रेरणा
रजत रथ निर्माण का सपना दिनांक 10.9.2000 रविवार को श्री पाला गणेश जी मन्दिर उदयपुर पर श्री डालचन्द जी छड़ीदार , गिरीराज जी जीनगर, राजेन्द्र श्रीमाली, गोपाल सिंह पंवार , स्व0 दामोदर जी दिवाकर, श्री भंवरी बाई राजपूत , हरिशंकर सहित जगदीश मंदिर की विभिन्न मण्डली के सदस्यों ने देखा ।
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दानदाता
भगवान जगन्नाथराय जी, दाणीराय जी व लक्ष्मी जी की सागवान काष्ट मूर्तिया करजाली हाऊस मोती चैहटटा उदयपुर निवासी तत्कालीन श्री रथ समिति अध्यक्ष स्व. श्रद्देय श्री गिरीराज जी जीनगर द्वारा श्री रथ समिति को रथयात्रा प्रयोजनार्थ भेंट की गई। रथ पर चित्रकारी कैलाश जीनगर एंव कैलाश मेघवाल द्वारा निशुल्क की गई । रजत रथ पर चांदी चढ़ाने का कार्य , कंड़राई कार्य चौहान हैण्डीक्राफ्ट मोती चोहटठा निवासी राजकुमार चैहान एंव महेश चैहान के कारीगरों द्वारा न्यूनतम मजदूरी पर किया गया ।